हिंदी वर्णमाला | क्या आप जानते हैं हिंदी वर्णमाला में कितने अक्षर (वर्ण) होते हैं ?

इस पोस्ट में हम हिंदी वर्णमाला【Hindi Varnamala】के विषय में जानेंगे। किंतु हिंदी वर्णमाला को समझने से पहले, वर्णमाला क्या होती है, यह समझ लेना आवश्यक है।

इसलिए आइये सबसे पहले हम वर्णमाला के बारे में संक्षिप्त पुनरावलोकन करते हैं।

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जैसा कि हम जानते हैं, भाषा भावों और विचारों को व्यक्त करने का माध्यम है। भाषा के दो रूप होते हैं- लिखित भाषा और मौखिक भाषा। भाषा का मौखिक रूप वह होता है जिसके माध्यम से हम बोलकर हम अपनी बात दूसरों तक पहुँचाते है।

भाषा का दूसरा रूप है- लिखित भाषा। भाषा के लिखित रूप के अंतर्गत हम कागज अथवा अन्य किसी माध्यम पर लिखकर विचार-विनिमय करते हैं।

मित्रों! दुनिया की कोई भी सुुविकसित भाषा हो, उसे लिखने के लिए एक लिपि होती है जिसमें कुछ निश्चित और सर्वमान्य प्रतीकों अथवा चिह्नों का उपयोग किया जाता है। इन चिह्नों या प्रतीकों को ही वर्ण कहते हैं जो उस भाषा की ध्वनियों को व्यक्त करने का माध्यम होते हैं। इन्हीं चिह्नों अर्थात् वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं।

वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई है जो भाषा के लिखित रूप का प्रतिनिधित्व करती है।

वर्णमाला (Varnamala)


वर्णों के क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित समूह को वर्णमाला (Varnamala) कहते हैं। वर्णमाला के अंतर्गत सभी वर्णों को एक निश्चित क्रम में व्यस्थित रूप से रखा जाता है।

हिंदी भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है। देवनागरी की वर्णमाला में प्रचुर मात्रा में लिपि चिह्नों अथवा वर्णों का समावेश है जिनका प्रयोग करते हुए प्रायः दुनिया की समस्त भाषाओं की ध्वनियों को सरलता और स्पष्टता से लिखा जा सकता है।

अब बात करते हैं हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) की।

यह सर्वविदित है कि हिंदी भाषा देववाणी के नाम से विख्यात प्राचीन भाषा संस्कृत से निष्पन्न हुई है। इस कारण इसकी वर्णमाला भी संस्कृत वर्णमाला से लगभग पूरी तरह मिलती-जुलती है।

संस्कृत की वर्णमाला से अत्यधिक समानता होने के बावजूद हिंदी वर्णमाला में कुछ भिन्नता है। जैसे हिंदी में 'दीर्घ ऋ' और 'लृ' का प्रयोग न होना।

हिंदी वर्णमाला में कुल 52 अक्षर वर्ण  होते हैं। ( अक्षर और वर्ण प्रायः समान अर्थ में प्रयोग कर लिए  जाते हैं जबकि दोनों में पर्याप्त अंतर है।)  अक्षर और वर्ण  के बारे में विस्तृत जानकारी अगले आलेख में। 

हिंदी वर्णमाला के 52 वर्णो में 11 स्वर, 33 व्यंजन, 2 अयोगवाह और 4 संयुक्त वर्ण हैं।

संयुक्त वर्णो की संख्या 6 है जिनमें से 4 ही हिंदी में प्रयुक्त होते हैं।

अ से ज्ञ तक तथा हिंदी के कुछ विशिष्ट वर्णों के साथ सम्पूर्ण हिंदी वर्णमाला निम्नवत् है-

हिंदी वर्णमाला


अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ     (स्वर वर्ण)

अं अः   (अयोगवाह)

क ख ग घ ङ   ( क वर्ग )

च छ ज झ ञ  ( च वर्ग )

ट ठ ड ढ ण    ( ट वर्ग )

त थ द ध न ( त वर्ग )

प फ ब भ म ( प वर्ग )

क से म तक के सभी 25 वर्ण वर्गीय अथवा स्पर्श व्यंजन कहलाते हैं।

य र ल व    (अंतस्थ व्यंजन)

श ष स ह    (ऊष्म व्यंजन)

क्ष त्र ज्ञ श्र    (संयुक्त व्यंजन)

ड़ ढ़   (द्विगुण व्यंजन)

अनुस्वार ( ॱ ) और विसर्ग ( : ) - अनुस्वार और विसर्ग भी हिंदी के दो व्यंजन माने जाते हैं। अनुस्वार स्वर के बाद आता है। इसका उच्चारण करते समय ध्वनि नाक से अधिक निकलती है, मुँह से कम। उदाहरण- चंदन, अंगूर, पंत। 

विसर्ग भी अनुस्वार की ही भाँति स्वर के बाद आता है। इसका उच्चारण 'ह' की तरह किया जाता है। जैसे स्वतः, अतः, स्वभावतः। 

चंद्र बिंदु का प्रयोग- हिंदी भाषा में चंद्र बिंदु (ꣲ) का भी प्रयोग किया जाता है। जिस वर्ण के साथ चंद्र बिंदु का प्रयोग होता है वह वर्ण अनुनासिक कहलाता है। जैसे माँ, गाँव, साँझ इत्यादि। अनुनासिक ध्वनियों के उच्चारण में ध्वनि मुँह से अधिक और नाक से कम निकलती  है। 

तो इस प्रकार हमने हिंदी वर्णमाला के 52 वर्णो के बारे में जाना। हिंदी वर्णमाला (Hindi Varnamala) से संबंधित इस पोस्ट के गुणात्मक संवर्धन हेतु सुधीजन के बहुमूल्य सुझावों का स्वागत है।

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